BAD NEWS-7वें वेतनमान की खुशी पर इस फरमान ने लगाया ग्रहण, उलझन में कर्मचारी
BAD NEWS-7वें वेतनमान की खुशी पर इस फरमान ने लगाया ग्रहण, उलझन में कर्मचारी
दरअसल सरकार ने अपने कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का फायदा देने के साथ ही इसपर एक पेंच भी लगा दिया। सरकार की ओर से जारी आदेश में यह साफ किया गया है कि, नगर निगम के पास फंड नहीं है, ऐसे सातवें वेतनमान पर जो अतिरिक्त खर्च आएगा उसकी भरपाई खुद निकाय को करनी होगी।
नगरीय प्रशासन विकास विभाग के उप सचिव ने एक फरवरी को सातवां वेतनमान देने का आदेश जारी किया था। इसमें साफ तौर पर इस बात का जिक्र किया गया है कि, सातवां वेतनमान देने में जो भी रकम अतिरिक्त खर्च होगी उसकी भरपाई संबंधित निकायों को करनी होगी।
वेतनमान के लिए सरकार से किसी भी तरह का अनुदान नहीं दिया जाएगा। अब सवाल यह उठता है कि अगर निकाय खुद की आय से कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देते हैं तो विकास कार्य में होने वाले खर्च के लिए फंड की कमी से जूझना पड़ेगा।
कर्मचारी नेताओं का कहना है कि, वित्तीय संकट के लिए सरकार खुद जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि, हमसे राशन कार्ड, जनगणना सर्वे जैसे अतिरिक्त काम भी कराए जाते हैं। जिसकी वजह से निगमके कर्मचारी टैक्स की वसूली नहीं कर पाते हैं। इसके साथ ही कर्मचारी नेताओं ने कहा कि, नगर निगम और निकाय बड़े उद्योगों से टैक्स की वसूली नहीं कर सकते हैं। ऐसे में वेतमान की भरपाई सरकार को ही करनी चाहिए।
कर्मचारी नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, सरकार का यह फरमान एक तीर से दो निशाने लगाने जैसा है। एक तरफ जहां कर्मचारियों को रिझाया गया वहीं दूसरी ओर पेंच फंसाकर मामले को उलझा दिया गया। वहीं बड़े अधिकारी अभी इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं।